चिकेन या मटन प्रोटीन का भंडार है. पूरी दुनिया में प्रोटीन के लिए सबसे ज्यादा चिकेन का इस्तेमाल लोग डाइट में करते हैं.
चिकेन या मटन प्रोटीन का भंडार है. पूरी दुनिया में प्रोटीन के लिए सबसे ज्यादा चिकेन का इस्तेमाल लोग डाइट में करते हैं.
अगर इसे सही से स्टोर नहीं किया गया तो इससे कई तरह की बीमारियां हो सकती है. अधिकांश लोग कच्चे चिकेन को बाजार से लाकर फ्रीज में रख देते हैं
अगर इसे सही से स्टोर नहीं किया गया तो इससे कई तरह की बीमारियां हो सकती है. अधिकांश लोग कच्चे चिकेन को बाजार से लाकर फ्रीज में रख देते हैं
ऐसे में यह जानना जरूरी है कि फ्रिज में कितने दिन तक चिकेन को रखने से कोई नुकसान नहीं होता है और कितने दिनों तक रखने से चिकेन संक्रमित हो जाता है
ऐसे में यह जानना जरूरी है कि फ्रिज में कितने दिन तक चिकेन को रखने से कोई नुकसान नहीं होता है और कितने दिनों तक रखने से चिकेन संक्रमित हो जाता है
रिपोर्ट के मुताबिक कच्चे चिकेन को जहां 2 दिनों से ज्यादा फ्रिज में नहीं रखना चाहिए जबकि पका हुआ चिकेन को फ्रिज में 3 से 4 दिन से ज्यादा दिनों को नहीं रखना चाहिए.
रिपोर्ट के मुताबिक कच्चे चिकेन को जहां 2 दिनों से ज्यादा फ्रिज में नहीं रखना चाहिए जबकि पका हुआ चिकेन को फ्रिज में 3 से 4 दिन से ज्यादा दिनों को नहीं रखना चाहिए.
फ्रिज में चिकेन को रखने से बैक्टीरिया को ग्रोथ स्लो हो जाता है. अगर फ्रिज का तापमान 4 डिग्री से नीचे रहता है तो चिकेन में बैक्टीरिया का विकास बहुत कम होता है.
फ्रिज में चिकेन को रखने से बैक्टीरिया को ग्रोथ स्लो हो जाता है. अगर फ्रिज का तापमान 4 डिग्री से नीचे रहता है तो चिकेन में बैक्टीरिया का विकास बहुत कम होता है.
कच्चे चिकन को लीक-प्रूफ कंटेनर में रखना बेहतर होता है. इससे चिकेन लीक नहीं करता है और यह किसी दूसरे खाद्य पदार्थों को दूषित नहीं करता है
कच्चे चिकन को लीक-प्रूफ कंटेनर में रखना बेहतर होता है. इससे चिकेन लीक नहीं करता है और यह किसी दूसरे खाद्य पदार्थों को दूषित नहीं करता है
पके हुए चिकन को भी एयरटाइट कंटेनर फ्रिजिंग किया जाना चाहिए. अगर आप कच्चे चिकेन को ज्यादा दिनों तक स्टोर करना चाहते हैं तो इसे फ्रिजर में रखें.
पके हुए चिकन को भी एयरटाइट कंटेनर फ्रिजिंग किया जाना चाहिए. अगर आप कच्चे चिकेन को ज्यादा दिनों तक स्टोर करना चाहते हैं तो इसे फ्रिजर में रखें.
खराब हो चुके चिकन में कई तरह के टॉक्सिन होते हैं जो आग पर पकाने के बाद भी नहीं जाते. इससे ठंड लगना, मतली, उल्टी, दस्त, खूनी मल और डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है.
खराब हो चुके चिकन में कई तरह के टॉक्सिन होते हैं जो आग पर पकाने के बाद भी नहीं जाते. इससे ठंड लगना, मतली, उल्टी, दस्त, खूनी मल और डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है.
अगर फ्रिज में रखा चिकेन ग्रे और ग्रीन हो जाए तो समझिए कि चिकेन खराब हो गया. यह चिकेन बहुत ज्यादा बैक्टीरिया से दूषित हो गया है.
अगर फ्रिज में रखा चिकेन ग्रे और ग्रीन हो जाए तो समझिए कि चिकेन खराब हो गया. यह चिकेन बहुत ज्यादा बैक्टीरिया से दूषित हो गया है.