ट्रेन में सफर के दौरान आपने भी देखा होगा कि रेलवे ट्रैक पर नुकीले पत्थर रखे जाते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन्हें क्यों बिछाया जाता है
ट्रेन में सफर के दौरान आपने भी देखा होगा कि रेलवे ट्रैक पर नुकीले पत्थर रखे जाते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन्हें क्यों बिछाया जाता है
बता दें कि रेलवे ट्रैक पर बिछाए गए इन पत्थरों को ट्रैक बैलास्ट कहा जाता है
बता दें कि रेलवे ट्रैक पर बिछाए गए इन पत्थरों को ट्रैक बैलास्ट कहा जाता है
इनके बिछाने के दो कारण होते हैं। पहला कारण यह है कि पत्थर के नीचे ट्रैक, यानी स्लीपर फैलने से रोकते हैं
इनके बिछाने के दो कारण होते हैं। पहला कारण यह है कि पत्थर के नीचे ट्रैक, यानी स्लीपर फैलने से रोकते हैं
दूसरा कारण यह है कि पत्थर की ये गाडिय़ां ट्रैक में आने वाले कंपन को भी कम करती हैं। इसके साथ ही रेलवे ट्रैक पर पत्थर होने से ट्रैक के ऊपर घास-फूस व घास नहीं उगती है
दूसरा कारण यह है कि पत्थर की ये गाडिय़ां ट्रैक में आने वाले कंपन को भी कम करती हैं। इसके साथ ही रेलवे ट्रैक पर पत्थर होने से ट्रैक के ऊपर घास-फूस व घास नहीं उगती है
रेलवे ट्रैक पर नुकीले पत्थर का ही इस्तेमाल होता है। इसके पीछे भी एक खास वजह है।
रेलवे ट्रैक पर नुकीले पत्थर का ही इस्तेमाल होता है। इसके पीछे भी एक खास वजह है।
दरअसल, नुकीले पत्थर स्लीपरों को पकड़ कर रखते हैं और इसे फैलने नहीं देते
दरअसल, नुकीले पत्थर स्लीपरों को पकड़ कर रखते हैं और इसे फैलने नहीं देते
वहीं अगर गोल पत्थरों को उनकी जगह पर रखा जाए तो वे वाइब्रेशन यानी वाइब्रेशन से फिसल जाएंगे और इससे दुर्घटना हो सकती है
वहीं अगर गोल पत्थरों को उनकी जगह पर रखा जाए तो वे वाइब्रेशन यानी वाइब्रेशन से फिसल जाएंगे और इससे दुर्घटना हो सकती है