सर्दियों में अगर होती है हाथ-पैरो की नसें सुन्न तो आज ही डाइट में शामिल करे ये 3 तरह के बीज

फिजिकल थेरेपी के डॉक्टर चेरी के अनुसार, नसों की इस समस्या का इलाज करने के लिए आपको अपने आहार में कद्दू के बीज, चिया बीज और अलसी के बीज का सेवन करना चाहिए।

जैसे-जैसे सर्दी बढ़ती जा रही है, इसका असर हमारे शरीर के अंगों पर दिखने लगा है। इस मौसम में ठंडी हवाएं तंत्रिका संबंधी समस्याओं को बढ़ा देती हैं। हमारे पूरे शरीर में छोटी-छोटी टयूब्स मौजूद होती हैं जिन्हें रक्त वाहिकाएँ कहा जाता है। ये रक्त वाहिकाएं सुनिश्चित करती हैं कि हमारे शरीर के हर हिस्से को जीवित रहने के लिए आवश्यक पोषक तत्व और ऑक्सीजन मिले। सर्दी के मौसम में अक्सर लोगों को हाथ-पैरों की नसों में दर्द की समस्या हो जाती है। यदि आपका तंत्रिका तंत्र क्षतिग्रस्त है या ठीक से काम नहीं कर रहा है, तो आप न्यूरोपैथिक दर्द से पीड़ित हो सकते हैं।

नसों में दर्द के लिए कई कारण जिम्मेदार होते हैं जैसे डायबिटीज, ड्रग्स, एड्स, फेशियल तंत्रिका संबंधी समस्याएं, कीमोथेरेपी दवाएं, रीढ़ की हड्डी में तंत्रिका का संपीड़न या सूजन, आघात या सर्जरी के कारण नर्व डैमेज हो सकती है । नर्व डैमेज के कारण शरीर में दिखाई देने वाले लक्षणों में झुनझुनी और सुन्नता, चुभन और सुई जैसी अनुभूति और दर्द शामिल हैं। कभी-कभी मांसपेशियों में सिकुड़न, मांसपेशियों की थकान, अधिक चलना, व्यायाम, तनाव, रक्त का थक्का जमने से गांठ बनना, घुटनों, कूल्हों और पैरों में रक्त संचार ठीक से न होने के कारण भी नसों में दर्द हो सकता है।

फिजिकल थेरेपी की डॉ. चेरी के अनुसार, नसों की इस समस्या के इलाज के लिए आपको अपने आहार में कुछ सुपरफूड्स का सेवन करना चाहिए। सुपरफूड्स यानी कुछ बीज जिनके सेवन से आप नसों में दर्द की समस्या को आसानी से ठीक कर सकते हैं। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं वो कौन से तीन बीज हैं जो नसों से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में कारगर साबित होते हैं।

कद्दू के बीज (Pumpkin seed) का सेवन करें

कई शोधों में यह बात साबित हो चुकी है कि कद्दू के बीज(Pumpkin seeds) नर्व संबंधी समस्याओं को दूर करने में कारगर साबित होते हैं। कद्दू के बीज पोषक तत्वों का एक पावरहाउस हैं जिनमें आवश्यक खनिज होते हैं शरीर के लिए जैसे प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, अच्छा फैट और घुलनशील फाइबर जो शरीर को पोषण देता है। कद्दू के बीज का सेवन तंत्रिका कार्य में सुधार करता है और क्षतिग्रस्त नसों का इलाज करता है। आप जानते हैं कि आपकी नसों को पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम की आवश्यकता होती है जो आपको इन बीजों से पर्याप्त मात्रा में मिलता है। इन बीजों के सेवन से दर्द, नसों में सुन्नपन और सुई चुभने जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।

अलसी (Flax Seeds) के बीज का सेवन करें

अलसी के बीज(Flax Seeds) पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं जिनका सेवन तंत्रिका संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए किया जा सकता है। इन बीजों में अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (ALA) होता है, जो एक आवश्यक ओमेगा-3 फैटी एसिड है। यह एसिड मानव वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक है। ऐसा माना जाता है कि अल्फा-लिनोलेनिक एसिड सामान्य हृदय गति और पंपिंग को बनाए रखने और हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद करता है। कई शोधों में यह साबित हो चुका है कि यह एसिड सूजन को दूर करता है और तंत्रिका संबंधी समस्याओं का इलाज करता है। इसका सेवन करने से न्यूरोपैथी से जुड़े लक्षण भी नियंत्रित होते हैं।

चिया सीड्स (Chia Seeds) से करें नसों का इलाज

विशेषज्ञों के अनुसार, चिया बीज (Chia Seeds) का सेवन करने से तंत्रिका क्षति और तंत्रिका दर्द दोनों से राहत मिलती है। इन बीजों का सेवन करने से नसों में दर्द और सूजन नियंत्रित होती है। उच्च फाइबर से भरपूर ये बीज मधुमेह न्यूरोपैथी के लक्षणों को नियंत्रित करते हैं।

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