Surya Puja : सूर्य को जल चढ़ाने का सही समय कौन सा है? जानिए है इसका महत्व

Surya Puja : जो लोग प्रतिदिन नियमित रूप से सूर्य को जल चढ़ाते हैं उन्हें सुख, सौभाग्य, यश और प्रतिष्ठा मिलती है। हिंदू धर्म में कोई भी व्रत सूर्योदय के बाद ही शुरू होता है। आइए जानते हैं सूर्य पूजा का सही समय, धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व।

Surya Pooja krne ka trika: हिंदू धर्म में सूर्य को सभी ग्रहों का राजा माना जाता है। प्राचीन काल से ही सूर्य को देवता माना जाता रहा है। सूर्य देव पंच देवों में एकमात्र ऐसे देवता हैं जिन्हें प्रत्यक्ष देखा जा सकता है। ऐसी मान्यता है कि जो लोग प्रतिदिन नियमित रूप से सूर्य को जल चढ़ाते हैं उन्हें सुख, सौभाग्य, यश और प्रतिष्ठा प्राप्त होती है। हिंदू धर्म में कोई भी व्रत सूर्योदय के बाद ही शुरू होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सूर्य देव की पूजा का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व क्या है। आइये जानते हैं

सूर्य को जल कब चढ़ाएं? (Surya Arghya Time)

ऋग्वेद के अनुसार सूर्य निकलने के 1 घंटे के अंदर-अंदर ही अर्घ्य दे देना चाहिए. इस समय सूर्यदेव का स्वभाव ठंडा होता है जिससे सूर्य की किरणें रोगों से मुक्त करती है । इसके साथ ही साधक के आत्मविश्वास में वृद्धि, कार्यों में सफलता और राज कृपा की प्राप्ति होती है। वहीं, जब सूर्य की किरणें तेज होती हैं या चुभने लगती हैं तो जल चढ़ाने का कोई फल या लाभ साधक को नहीं मिलता है।

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सूर्य पूजा का धार्मिक महत्व (Surya Puja Religious Significance)

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्यदेव सभी ग्रहों के राजा हैं। पुराने समय में मनुष्य ही नहीं बल्कि देवता भी सूर्य की पूजा करके ही अपने दिन की शुरुआत करते थे। भगवान राम ने भी लंका जाने से पहले सूर्य देव को जल अर्पित किया था। इसके साथ ही भविष्य पुराण में श्रीकृष्ण ने अपने पुत्र को सूर्य पूजा का महत्व समझाया था। श्रीकृष्ण के पुत्र साम्ब को भी सूर्य पूजा से कई कुष्ठ रोगों से मुक्ति मिली थी।

सूर्य पूजा का ज्योतिष महत्व (Surya Puja in jyotish)

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नवग्रहों में सूर्य प्रथम ग्रह और पिता भाव का प्रतिनिधित्व करता है। सूर्य साधना से पिता-पुत्र के संबंधों में विशेष लाभ मिलता है। इतना ही नहीं सूर्य पूजा से जातक की कुंडली में नकारात्मक प्रभाव डालने वाले ग्रहों का प्रभाव भी कम हो जाता है। अगर आप प्रतिदिन सूर्य को जल चढ़ाते हैं तो इससे आपके बिगड़े हुए कम बनने लगते है । इससे जातक के नेतृत्व में वृद्धि होती है और राजसुख मिलने की संभावना बनती है।

सूर्य पूजा का वैज्ञानिक महत्व

ठंड के मौसम में सूरज की किरणें विटामिन डी की कमी को पूरा करने में मदद करती हैं। सूर्य पूजा के दौरान शरीर पर सूर्य की किरणों से होने वाली त्वचा संबंधी समस्याओं का खतरा कम हो जाता है। साथ ही इससे पाचन भी ठीक रहता है और मानसिक शांति मिलती है।

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