Sebi Rules : विनियामक ने मंजूरी के बिना निवेश सलाहकार सेवाएं प्रदान करने के लिए कैपिटल वर्थ रिसर्च हाउस और उसके हिस्सेदारों को तीन साल की अवधि के लिए प्रतिभूति बाजार से (Securities Market ) प्रतिबंधित कर दिया है।
Capital Worth Research House: शेयर बाजार में अगर आप भी निवेश करते है तो यह खबर आपके लिए है. सेबी ने एक बड़ा कदम उठाया है। नियामक ने बिना किसी मंजूरी के निवेश सलाहकार सेवांए देने को लेकर कैपिटल वर्थ रिसर्च हाउस और इसके हिस्देसेदारों पर 3 साल के लिए प्रतिभूति बाजार से बैन कर दिया है, साथ ही उन्हें तीन महीने के भीतर ग्राहकों को 1.54 करोड़ रुपये से अधिक लौटाने का निर्देश दिया है.
तीन साल तक रहेगा प्रतिबंध
भारतीय प्रतिभूति एवं विनय बोर्ड द्वारा पारित आदेश में कहा गया है कि कैपिटल वर्थ और उसके भागीदारों पर प्रतिबंध, निवेशकों को रिफंड पूरा होने की तारीख से जारी रहेगा। कैपिटल वर्थ एक पार्टनर फर्म है और इसके पार्टनर अंकित श्रीवास्तव, मोहम्मद आमिर शेख, शाहिद रंगरेज और समीर मेमन हैं।
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कैपिटल वर्थ के खाते मे जमा है 1.54 करोड़
सेबी ने पाया कि कैपिटल वर्थ पंजीकरण के वैध प्रमाण पत्र के बिना गतिविधियों में शामिल होकर और ‘निवेश सलाहकार’ के रूप में काम किया। निवेश सलाहकार (आईए) के नियमों का उल्लंघन किया ,आदेश के अनुसार 2018 में मार्च-दिसंबर के दौरान कैपिटल वर्थ के खाते में 1.54 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा की गयी.
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