Sagas Bavji Temple: इस मंदिर में लोग चढाते है घड़ियाँ, दिलचस्प है वजह

Sagas Bavji Temple Mandsaur: भारत विभिन्न मान्यताओं का देश है. जहां कण-कण में ईश्वर की पहचान है. इस देश में एक ऐसा मंदिर भी है जो कई धार्मिक मान्यताओं और मान्यताओं को संजोकर रखता है, जहां घड़ियां (दीवार घड़ियां) चढ़ाने से आपका बुरा समय दूर हो जाता है.

MP Temple: देश का दिल कहे जाने वाले मध्य प्रदेश के रतलाम (Ratlam) जिले में एक ऐसा मंदिर है, जहां लोग घड़ियां चढ़ाते हैं. इस मंदिर की कहानी भी बहुत रोचक है. स्थानीय लोगों के अनुसार, सागस बावजी मंदिर सदियों पुराना है. कहा जाता है कि यहां दर्शन करने से किसी भी तरह की दुर्घटना से बचा जा सकता है. वहीं अगर किसी का बुरा समय आता है तो यहां मन्नत लेने से वह ठीक हो जाता है. यहां की सबसे खास बात यह है कि मंदिर में न तो भगवान की मूर्ति है और न ही पुजारी, फिर भी यहां हजारों लोगों की आस्था बनी हुई है.

सगस बाव जी की मान्यता

शास्त्रों में सगास बावजी को यक्ष कहा गया है. कहा जाता है कि यहां इस मंदिर में यक्ष साकार रूप में दिखाई देते हैं. यहां के श्रद्धालुओं का दावा है कि बावजी ने कई लोगों को दर्शन दिए हैं. यहां तक कि वह उन लोगों को भी ले जाता है जो अपना रास्ता भटक चुके हैं और उन्हें रास्ता दिखाते हैं और उन्हें सुरक्षित घर छोड़ कर आते है.कई लोगों ने यहां चमत्कार होते देखा है. बताया जाता है कि जब मंदिर के आसपास का इलाका फोर लेन नहीं था, तब यह मंदिर सड़क किनारे था, जब फोर लेन का काम शुरू किया गया था, तब इस मंदिर को हटाने की कोशिश की गई थी. लोगों का कहना है कि जब जेसीबी या कोई अन्य मशीन इस मंदिर को हटाने के लिए आती थी तो यह खराब हो जाती थी या इसका डीजल खत्म हो जाता था. ऐसी ही कई मान्यताओं के बीच यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है.

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यहां सब कुछ अनोखा है

लोग बुरे कर्मों, बाल जन्म, विवाह आदि से संबंधित कई समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए यहां आते हैं. दावा किया जाता है कि यहां जो भी इच्छाएं मांगी जाती हैं, वे हर हाल में पूरी होती हैं. दर्शन के लिए लोग परिवार के साथ यहां पहुंचते हैं. कहा जाता है कि अनगिनत लोगों ने यहां आकर अपनी मन्नतें मांगी हैं और इसके पूरा होने के बाद भक्तों ने यहां घड़ियां चढ़ाई हैं. यह पूरा मंदिर घड़ियों से भरा हुआ है. ऐसे में हर साल यहां चढ़ाई जाने वाली घड़ियों को नदी में फेंक दिया जाता है. स्थानीय श्रद्धालुओं के अनुसार, पहले सागस बावजी यहां बने चबूतरे पर बैठते थे. लोगों ने अब यहां एक मंदिर का निर्माण किया है.

यहां कोई ताला नहीं

इस मंदिर में भी कोई ताला नहीं है. दरअसल, इस जगह के बारे में एक पौराणिक कथा है कि एक बार जब कोई व्यक्ति पांच घड़ियां चुरा लेता है, तो वह अंधा हो जाता है. उन्होंने लोगों को चोरी के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि अंधे होने के बाद जब वह वहां दस घड़ियों पर चढ़े तो उनकी आंखों की रोशनी वापस आ गई और वह देखने लगे. आज यहां से गुजरने वाले कई लोग रुकते हैं और इस विशेष दर्शन के लिए जाते हैं.

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